मरने से ठीक पहले इंसान में दिखाई देते है ये लक्षण



 प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का अंतिम तथा अटल सत्य है मृत्यु! जिसे टाला जाना असंभव है. हर किसी को इसका सामना करना पड़ता है. चूँकि मृत्यु अंतिम सत्य है तथा कभी इसे कोई देख नही पाया. अतः हर किसी के मन में यह प्रश्न उठता है की मृत्यु क्या होती है. यह प्रश्न सभी के लिए एक अनसुलझी पहेली है. धर्म और विज्ञान भी इस बात पर एक मत नही है की मृत्यु क्या है. धार्मिक एवं पौराणिक ग्रंथो के अनुसार शरीर मिट्टी का होता है जो मिट्टी में मिल जाता है और आत्मा अजर अमर होती है जो कभी नष्ट नही होती है. कई शास्त्रों में बताया गया है मृत्यु के पहले इन्सान में कुछ लक्षण दिखाई देते है जिनसे पता लगाया जा सकता है की इनका मृत्यु समय करीब है.
 
1. इन्सान का मृत्यु समय करीब होता है तो उसकी आँखों की रोशनी एकदम समाप्त हो जाती है. उसे बहुत पास रखी वस्तु भी नही दिखाई देती है यहाँ तक की पास बैठे लोग भी नही दिखाई पड़ते. 2. इन्सान को अंतिम समय में अपने जीवन में किये गए अच्छे-बुरे कार्यो की झलक दिखाई देती है उसके जीवन में होने वाले बहुत सी घटनाए उसके सामने परिलक्षित होती रहती है.
3.जिन व्यक्तियों ने अपने जीवन में सभी कार्य परोपकार एवं दुसरो के हित के लिए किये है उनको मृत्यु के समय मृत्यु का भय नही होता है उन्हें अपने अंतिम क्षणों में अपने चारो ओर सुनहरा प्रकाश दिखाई देता है.
4. शास्त्रों के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति को जल, तेल आदि पदार्थो में अपना चेहरा साफ दिखाई देता है. और जिनकी मृत्यु जल्दी ही होने वाली होती है उन्हें इन पदार्थो में अपना चेहरा साफ नही दिखाई देता है अगर दिखता भी है तो मलिन और विकृत दिखता है.
5. धर्म शास्त्र गरुड़ पुराण के अनुसार, यम के दूत उस प्राणी के पास उसकी मृत्यु के पूर्व आते है.
6. जिन व्यक्तियों ने अपने पुरे जीवन में बुरे कार्य एवं हमेशा दुसरो को कष्ट दिया है उन्हें यम के दूत बहुत ही भयानक दिखाई देते है.
7. मृत्यु के पूर्व इन्सान की बोलने की क्षमता या शक्ति खत्म हो जाती है वह अपने अंतिम समय में कुछ भी नही बोल सकता है.
8. इसके बाद उस प्राणी की आत्मा को यमदूत आकाश मार्ग से होते हुए यमराज के सामने पेश करते है जहा उसके पुरे जीवन में किये गये अच्छे-बुरे कार्यो का हिसाब किताब होता है. तथा उन्ही के आधार पर उसका न्याय होता है.
मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है इसके साथ ही जीवन का अंत हो जाता है किन्तु शास्त्रों के अनुसार यही से उसके नये जीवन की शुरुआत होती है. इसलिए मनुष्य को अपने जीवन काल में ईश्वर का स्मरण एवं परोपकार के कार्य करना चाहिए.


loading...

Post a Comment

Previous Post Next Post
Youtube Channel Image
Madangfx.com Subscribe To watch more Blogging Tutorials
Subscribe