भारत मे 2023 के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में इजिप्ट मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी मुख्य अतिथि होंगे
इस वर्ष 26 जनवरी 2023 मे भारत का 74 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा
I am grateful to President Abdel Fattah el-Sisi for gracing this year’s Republic Day celebrations with his august presence.@AlsisiOfficial pic.twitter.com/S58TP4msSo
— Narendra Modi (@narendramodi) January 26, 2023
हर साल राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है इस कार्यक्रम में आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं गणतंत्र दिवस के इस खास मौके पर हजारों की संख्या में लोग राजपथ पर होने वाली इस परेड और कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं 26 जनवरी की परेड में तीनों सेना विजय चौक से परेड शुरू कर राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए राजपथ से होकर निकलती है यह परेड आर्मी बैंड की मधुर धुनों पर कदमताल करते हुए लोगों को सम्मोहित कर देती है इसके बाद अनेक राज्यों की सरकारी विभागों की झांकियां निकाली जाती है गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम सुबह प्रधानमंत्री के शहीद ज्योति के अभिवादन से शुरू होता है प्रधानमंत्री सुबह सबसे पहले इंडिया गेट पर प्रज्वलित शहीद ज्योति पर जाकर उनका अभिवादन करके राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं इसके बाद राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति की सवारी विजय चौक की ओर निकलती है परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति के साथ में गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित मुख्य अतिथि भी होते हैं यह तीनों सेनाओं के अध्यक्ष राष्ट्रपति का स्वागत करते हैं इसके बाद राष्ट्रपति प्रधानमंत्री का अभिवादन स्वीकार कर आसन ग्रहण करते हैं फिर झंडारोहण और राष्ट्रगान के बाद गणतंत्र दिवस की परेड आरंभ होती है
"हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा"
हमारा राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इससे हमारे देश की गरिमा जुड़ी होती है इस उपलक्ष्य पर उन वीर बच्चों को भी सम्मानित किया जाता है जो अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों की जान बचाते हैं
गणतंत्र दिवस समारोह के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने देश की उपलब्धियों की चर्चा करते हैं इसके बाद परमवीर चक्र अशोक चक्र वीर चक्र जैसे वीरता और शौर्य के पुरस्कारों का वितरण किया जाता है गणतंत्र दिवस समारोह भारतीय आन बान शान का प्रतीक है लगभग 400 सालों की गुलामी के बाद हमें यह आजादी का सूरज रिसीव हुआ है यह हमारे देश के विकास यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है देश के सामाजिक आर्थिक राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास को दर्शाने का एक कुशल जरिया है
गणतंत्र दिवस का इतिहास
भारत के आजादी के 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की जिसे 2 वर्ष 11 महीने वह 18 दिन में बना कर तैयार किया गया इसे दिन भारतीय कांग्रेस सरकार द्वारा भारत में पूर्व स्वराज को भी घोषित कर दिया गया था और उस दिन से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है भारतीय संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया जिनका कार्य संविधान का निर्माण करना वह संविधान बनाना था संविधान सभा द्वारा संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गई जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया इस बैठक के मुख्य सदस्य हैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद पंडित जवाहरलाल नेहरू डॉ भीमराव अंबेडकर सरदार वल्लभभाई पटेल मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि थे इसके अलावा संविधान सभा बैठक में प्रेस को भी शामिल किया गया था 26 जनवरी के महत्व को बनाए रखने के लिए वह भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता देने के लिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा इसी दिन 1950 को देश में कानून और भारतीय शासन को लागू कर दिया गया
Article by Renu Sabir (Meenu Dhingra)
Content Writer
Post a Comment