सिद्धू मूसे वाला की पहली फिल्म ‘मूसा जट्ट’ अब भारत में नहीं हो सकेगी रिलीज, सेंसर बोर्ड ने लगाई रोक: Mossa Jatt, Sidhu Moosewala

सिद्धू मूसे वाला की पहली फिल्म ‘मूसा जट्ट’ अब भारत में नहीं हो सकेगी रिलीज, सेंसर बोर्ड ने लगाई रोक

फिल्म में किसानों की बात करनी पड़ी महंगी




चंडीगढ़ 29 सितम्बर 2021: मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की बतौर हीरो पहली फिल्म   ‘मूसा जट’ को भारतीय सेंसर बोर्ड ने मंजूरी देने से मना कर दिया है।  यह फिल्म 2 दिन बाद 1 अक्टूबर को दुनिया भर में रिलीज होनी थी पर अब यह फिल्म अपने कथित समय पर भारत में रिलीज नहीं हो सकेगी।  सेंसर बोर्ड की इस कार्यवाही को लेकर फिल्म की टीम द्वारा चंडीगढ़ के प्रेस क्लब में मीडिया के साथ बातचीत की गई। इस मौके पर फिल्म के निर्माता रूपाली गुप्ता फिल्म की अदाकारा स्वीताज बराड़,  अदाकार भाना सिद्धू,  लेखक गुरिंदर डिंपी और फिल्म के निर्देशक दिलशेर सिंह और खुशपाल सिंह मौजूद थे।

इस मौके पर फिल्म की निर्माता रूपाली गुप्ता ने बताया कि वह इससे पहले आधी दर्जन फिल्मों का निर्माण कर चुकी हैं 7 उनकी यह फिल्म जो कि फ्राइडे रश मोशन पिक्चर के बैनर तले 1 अक्टूबर को रिलीज होने वाली थी। उसे सेंसर बोर्ड ने रोक दिया है। उन्होंने कहा है कि यह फिल्म एक किसान की जिंदगी के आगे - पीछे घूमती है। फिल्म में किसान की जिंदगी की मुश्किलें, आपसी भाईचारा और मेल मिलाप के अलावा गांव की जिंदगी और खेती-बाड़ी जनजीवन की बात की गई है।

फिल्म में यह दिखाया गया है कि किसान के घर जब एक बच्चा पैदा होता है तो उसका संघर्ष और जब जिम्मेवारी पहले दिन से ही शुरू हो जाती है।  एक तरफ देश में किसान अपने हक को  लेकर लंबे समय से सडक़ों पर उतरा हुआ है और दूसरी जगह फिल्म निर्माताओं को भी अपनी बात सिनेमा के लोगों तक ले जाने से रोका जा रहा है जो कि कला और कला के कदरदानों  के साथ सरेआम इंसाफी है। वह इस फिल्म पर करोड़ों रुपए खर्च चुके हैं। फिल्म का प्रचार पिछले 1 महीने से लगातार जारी है। ऐसे समय में सेंसर बोर्ड की इस कार्रवाई से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाएगा।  फिल्म के लेखक और निर्देशक ने भी सेंसर बोर्ड के प्रति अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसकी वजह से फिल्म पर रोक या बैन लगाया जा सके। उन्होंने इस फिल्म को भारतीय सेंसर बोर्ड की हिदायतें और पंजाबी दर्शकों को ध्यान में रखकर ही बनाया है।  इसके बावजूद सेंसर बोर्ड के द्वारा इस फिल्म को बिना किसी ठोस कारण के रोके जाना सरेआम बे इंसाफी है। फिल्म में किसानों की बात करना कोई गुनाह नहीं है और किसान के इस मुद्दे को दुनिया के सामने दबाने के लिए ही फिल्म को बैन किया जा रहा है। इसके अलावा यह बात साफ होती है कि फिल्म इंडस्ट्री की तरफ से भी सिद्धू मूसे वाले को फिल्म की तरफ बढऩे से रोकने की पूरी कोशिश इस में नजर आ रही हैं।

वे ना-इंसाफी को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।  फिल्म की टीम ने कहा कि यह कोई बड़ी बे इंसाफी से कम नहीं। दर्शक और मीडिया भी फिल्म का ट्रेलर देख चुके हैं जिसके द्वारा फिल्म की कहानी संबंधित साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।  इस मौके पर टीम को पिछले 2 दिनों से  से दुनिया भर से फैन के द्वारा 1000 से ऊपर फोन आ चुके हैं। इसके बावजूद फिल्म के साथ ऐसा करना करोड़ों रुपए का नुकसान तो है ही है बल्कि सैकड़ों लोगों की दिन-रात की मेहनत पर सरेआम पानी फेरने वाली बात  भी है ।  इस मौके पर फिल्म की टीम ने फिल्म को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही है।

इस प्रेस वार्ता में रूपाली गुप्ता के साथ प्रोजेक्ट डिजाइनर दीपक गुप्ता, कहानीेकार गुरिंदर डिम्पी, डायरेक्टर दिलशेर सिंह(ट्रूमार्कर्स), अभिनेता भाना सिद्धू तथा अभिनेत्री स्वीताज बराड़ उपस्थित थी।

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